Kaghan Naran To Babusar Top / Vlog / Traveling / Food / Culture / History

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[संगीत] अस्सलाम वालेकुम दोस्तों अब आज आप हमारे  साथ इतने सफर पे हैं यह याद रखिए अगर हमारी [संगीत]   हमेशा अपनी जिंदगी अपने माहौल में खुश  रहना शिखा और यह दूसरा नाम है [संगीत]   आज हमारे सफर में जहां पर वक्त और जमाने बदले  जैसा की आप जानते हैं की यह हमारा सब मैरीलैंड   जहां में रेस्ट इन अमेरिका के शहर में रिलायंस  में लाहौर पहुंची और लाहौर से इस्लामाबाद और   फिर आगे राधा कमान नारायण और उसके बाद अब उसे टॉप  तक जान का है तो अल्लाह के नाम से इस सफर का आगाज   करते हैं और आगे मेरी खाल जो आज मेरी हमसफर हैं  ये हैं बॉटनी की प्रोफेसर और इनको भी मेरी तरह   कुदरत के नजरों से बेइंतहा मोहब्बत है अब यकीन  मानिए के बाद में मैगी में चली गई और ये जो आप   स्लाइड शो देख रहे हैं जो आप सभी देख रहे हैं  जिसमें मेरे साथ मेरी जिंदगी के हम सफर है ये   तकरीबन नहीं इससे पूरा कम किया हैं 25 24 25  बरस पहले की यह तो साबिर है इसमें मेरे साथी [संगीत] [संगीत]   इस्लामाबाद में रात कायम के बाद हमने अपना सफर जारी  रखा जो की मैरिज से आगे और अभिया के बिल्कुल है एक   बहुत खूबसूरत इलाका और जमाने तालिब में यहां से  हम इलेक्शन ऑफ प्लांट्स करने के लिए आते थे तभी   से ये मेरे दिल में बस और यहां पर आप अगर देखें  तो डॉक्टर अफजल जिन्होंने यह पंजाब यूनिवर्सिटी   जो की जमीन खरीदी और वो बनाई उनका यहां पे  पूरा है और ये आप देख सकते हैं की यह उनके   बड़े में सर लिखा है खाने से पूर्व की जमीन  और यह इलाका भी उन्होंने बनवाया यहां पे ये   कितना खूबसूरत यहां पे एक गार्डन भी है रेस्ट  हाउस है और मुझे याद है की एक शाम 10 साल का भी   मेरे साथ इसी जगह बनाई गई और यहां पर एक मुझे  एक मैंने एक पौधा लगाया और आज इस के साथ पहले   का रही हूं और मुझे कितनी खुशी हो रही है अभी  यहां पर आज शाम रात हमने बहुत चांदनी रात थी   और गुजर और मुझे वो वक्त याद आया और आज मैं क्यों  ना आपको से वो ही अपनी गजल जो मैंने कई वर्ष पहले आपसे शेर करती हूं चांदनी रात में बुलाऊं  तुझे चांदनी रात में बुलाऊं तुझे धड़कन चांदनी रात में बुलाऊं तुझे धड़के ने दिल की  मैं सुनाऊं तुझे तेरे पहलू में रख के दिल अपना   चंद रातों में गुनगुनाऊं कुछ दोस्तों हमने  चाचा चस्का रेस्टोरेंट से शाम में ही माशा   की दाल और देसी मुर्गी का शोरबा बनवाया और  उससे आज का हमने डिनर किया और उसके बाद अब   हम आज हम सुबह सुबह उठकर माल रोड मेरी का  दीदार को निकले हैं हम दोनों को देखकर कैसे   ये मुसाफिरों की ट्रॉली लिए पठान हमारी तरफ  यूं लैब के जैसे हमें हम इन्हें बुला रहे हैं   और हमने भी गनीमत समझकर इसमें बैठकर चंद तस्वीर  बनवाई हैं और फिर वापस आकर किया है मुझे याद है   एक जमाने में हम इस खतरनाक पाइपलाइन के  रास्ते को 35 मिनट में ते करने [संगीत]   तकलीफ नहीं होती थी कोई नाकाहाट खतरा जरूर लगता  था उधर आज तो मैं शुरू से ही यहां से वापस लोट   के ही हूं और मैंने समझा के आगे जाना खतरनाक है और  आज हमने दूसरे दिन अब यही सोचा है की नथियागंज से   होते हुए हम एक्टर बाद जान का फैसला किया ताकि  हमें तब रात से अगली सवारी पकड़े हैं अगली भी   क्या खूबसूरत है बिल्कुल शफाक लेकिन अगर वो सफाई  अब नहीं है जो एक जमाने में थी आप ये देखिए वो   जमाने की तस्वीरें में आपको वो कितना खूबसूरत नजर  आता है बर्फ भी साफ लेकिन अब तो है सब कुछ लेकिन   उसमें पॉल्यूशन ने काफी आ पुरी सिचुएशन पूरा माहौल  बादल के रख दिया है और इसके साथ यहां पर आपको बहुत   ज्यादा नजर आएंगे लेकिन देखिए अभी हम बात करते  हुए हमें ये पानी का जो कम नजर आया हमें सोचा   यहां उतार कर थोड़ा सा प्रोग्राम भी फाइनल किया  जाए की हमें क्या करना है कल के साथ मुझे अभी   जो साइन करना था हमको प्लेन लेकर ऐसा नहीं आए थे  कोई बुकिंग नहीं कराई थी बस हमने सोचा था जहां पर   जैसे मिल जाएगा रहेंगे क्योंकि हमने ये बस इरादा  जरूर किया है और उसके लिए कोई प्रोग्राम नहीं ना   है इसलिए हमने जो आम हमने मैरिज से खरीदे थे जॉन  साहब उनको पानी में धोया और यहां बैठ गया हमने   चारपाईयों के वहां हम का रहे हैं और बड़े मजे से  हमने आगे फिर प्रोग्राम को पूरा चेक आउट किया और   इसमें यही समझा की क्यों ना हम यहां से बिजनेस और  गाड़ी बुक करवा और आगे फिर वो ही ड्राइवर के साथ उसे   गाड़ी में आगे नारायण भगवान और नारायण चलते हैं तो  चलिए हम चल रहे हैं और यह सफर हमारा शुरू हमने मां   सहारा से गुजरते हुए इधर के चप्पल का आप मां सहारा  की ना ले तो क्या करें पाकिस्तान में क्या दुनिया   में मां सहारा की चप्पल कबाब बड़े हैं ऐसे चप्पल  कबाब कहानी से नहीं मिलते हमने वहां सहारा से कबाब   पैक कर पे और बालाकोट में दया के हर के किनारे पे  बैठकर खूब इनको दान कबाब को खाया और महसूस हुए वह   भाई वह क्या खूबसूरत राशि के मूड है ये पट राशि के  मोड जो वो मनशेहरा से बालाकोट के रखते हैं आते हैं   ये पतासी के मोड एक ऐसा खूबसूरत नजर पेस करते हैं  जैसे बलखाती सड़क और फसापत दोनों को यादगार बनती है   हमारे ड्राइवर शब्बीर भाई अप उस करते हैं इसे मिलिए  यह भी बड़े ही इंटरेस्टिंग है और इनके को इस्तेमाल आगे बढ़ते हम तकरीबन 1 घंटा और 20 मिनट में मनशेहरा से बालाकोट  पहुंचे थे और रास्ते में अभी हम तवायफ के मुकाम पे   रुक हैं जहां पर क्या खूबसूरत आपस हैं इस आभार को  देखकर जी और इसमें भी चाहिए चारपाईयों को देखकर दिल   कहां के क्यों ना इधर थोड़ी डर के यहां किया जाए चाय  पी जाए अरे वह यहां तो क्या मजे की डाउट मछली मिल   रही है इसलिए हमने ये प्राउड मछली भी खाने का इरादा  किया है तकरीबन हमें मेरे ख्याल में कर साढे कर हजार [संगीत] पाओ चलते हैं इसलिए मैं थोड़ा सा बार-बार [संगीत] दिस इसे डी टाइम डी न्यू थिंक इन डी  पाकिस्तान इन पाकिस्तान बट दिस वीकली   सिलेक्टेड सिटी थिंक दिस इस इंस्टाग्राम [संगीत] विच इसे थैंक यू वन पहुंच गए हैं पवन की एक कहानी एक छोटा एक हमारा  दारा है और यहां पर इसका जो इसकी हाइट है वो भी   सात समुद्र से 700094 है और इसके आगे हम अपना सफर  यहां रुकने का हमारा इतना इरादा नहीं और हम कोशिश   करेंगे की इसको हम जल्दी क्रॉस करें ताकि हम अपनी  अल मंजिल जो हमारी इस वक्त नारायण उधर से पहुंचे   कहां से नारायण का यह सफर तकरीबन हमने एक घंटा और  एक घंटा में सफर इसलिए एक घंटा 10 मिनट में लगे तो   कुछ बारिश हो रही है और आपकी जगह पर पानी है लेकिन  क्या खूबसूरत यहां पर राखी हो रही है क्या चीन ने तो   लगता है की इधर अपना घर ही बना लिया है और ये देखें  ये सिल्की का जो यहां पे प्रस्तुत कर दम यहां पर बन   रहा था और उसको मैं आपको कोशिश कर रही हूं की इसको  पूरा मैं फिल्म बनाऊं और इसको आपको दिखाऊं और इसमें   मैं कुछ कामयाब हुई हूं लेकिन क्या यह तपते पानी और  ये थेट मार का पानी जो की कुदरत का एक खजाना भी है   और इससे हम कितनी बिजली बनाते हैं इसे हम क्या कुछ  कर सकते हैं तो हमारे पास अगर हमारे पास जरा आए नहीं   लेकिन हमने इसी पैक के तहत बहुत से जहां पे और कम  कर रहे हैं वहां पे हमने ये भी अपनी रिसोर्सेस इनको   नहीं है और ये देखिए इधर कितने खूबसूरत आलू और वो  भी हमें इन एरिया से आलू आता है तभी तो इतना मीठा   होता है क्योंकि ये इलाके बड़े नीचे हो यहां पे आपको  पता है की यहां पे इस इलाके में इधर से गुर्जर रहे   हैं कागज से अमल का पर्वत जो सितारा तो सतारा हजार  तीन सो साथ की बुलंदी पर है वह भी इधर ही इसी हमारे   मिलकर पर्वत की सबसे ऊंची पहाड़ी यानी जिसकी दूर  से वो आपको नजर ए रहा होगा व्हाइट कलर की वह और   यहां की जुबान हिंद को और बोझरी है रात होने वाली  है हम पहुंच गए लेकिन कोशिश यही है की हम यहां पर   सबसे पहले होटल ने होटल लेक अब हम बाहर निकले  हैं ताकि हम अपने रात के खाने का कोई बंदोबस्त   करें अब ये मेरे हाल ने तो यही सोचा है की क्यों ना  हम मैं अपनी मर्जी के कबाब बन जो आज हमने दोपहर में   वो कब आपका है उसका बहुत मजा आया लेकिन अब रात को  मेरी खुशी है की मैं चिकन की कोई चीज खाने से मुझे [संगीत] जाना है सेट अब हम सुबह नहर मौत के परत  का नाश्ता हमने कमरे में मंगवा लिया और   अब हम कोशिश यही कर रहे हैं की शब्बीर भाई  से मशवरा यही किया है की क्यों ना यहां से   आगे हम आज बाबू से टॉपिक पे चलें और अपने सफर  को जारी रखते हैं बाबू और हमने में बाजार से   जा के वहां से हमने जीप ली है जो के साथ में  ड्राइवर भी मिला है और इस ड्राइवर के साथ इस   गीत में हम अपना अगला सब पंजाबी रख रहे हैं  और यहां से हमारा कराया तकरीबन मुझे लगता है 18 से 19 हजार का पड़ा है तो केक बनाते हैं [संगीत] दिस इस पाकिस्तान डी पावर पाकिस्तान इसे डी प्रॉपर्टी ऑफ [संगीत] [संगीत] दिस [संगीत] [संगीत] [संगीत] तो वह यह तो कुंडी के मोड पर ट्रैफिक कर सके  इतने खूबसूरत नजारे चल रहे थे लेकिन पैसे के   नोट पर गई ना बड़ा ग्लेशियर और उसमें से निकलता  हुआ पानी और क्या देख के यहां ट्रैफिक फैंस गई   मैं भी उतार के नीचे देख रही हूं और देख रही हूं  की क्या हो रहा है अरे अरे एक तो मोटर बाइक लगता   है की फसल के नीचे गिर गई है चलिए देखते हैं की  यह आगे क्या हमारी ट्रैफिक खुलना के असर कितने   हैं क्योंकि हमें तो बाबू से टॉप पे जाना है और  रास्ते में मैंने अपने लिए दो केले और एक से भी   मैंने राखी और कुछ हमें यहां पे कुछ भी लेती है और  हमारा इरादा यही एक रास्ते में हम ये खाता में आगे   चलेंगे तो चले हम अपने सफर को जारी रखते हैं लेकिन  जब रास्ता खुलेगा तो चल सकते हैं भैया क्या करें   देखते हैं आगे सफर कैसे जारी रखते हैं चलिए जी  ट्रैफिक खुलना के कुछ असर नजर ए रहे हैं और हमने   भी भाग के हम गाड़ी में बैठे और कोशिश यही की कुछ  तस्वीर बनवाने के बाद अब कोशिश यही है की ये सफर   हम जल्द से करें ताकि हम लेट ना हो शाम पढ़ने से  पहले हमें वापस किया है और रास्ते में अब मुझे आपको   पता है की मुझे सर एक जो है उसके सामने तस्वीरें के  बड़े में और ये अब बस थोड़ी ही डर में लेट आने वाली   है आपको मालूम है यह हमारा सफर जो 40 किलोमीटर है  नारायण से बाबू से टॉप का हमने यह तकरीबन 2:30 घंटे   में ते किया है और हाल की आवाज भी आपको ए रही होगी  वह यह का रही थी की तीन नहीं हो हमारे ड्राइवर साहब   खाने पर हैं 3 घंटे लगे हैं अरे बाबा बोल रास्ते में  रुक हैं उसे वक्त लगे हैं लेकिन अगर मुसलसल सफर करते तो बहुत तकरीबन ढाई घंटे ही बनते हैं तो टूटी  फटी सड़क भी बीच में इसलिए ए जाति है वैसे तो   पहले की निस्बत तो बहुत अच्छी सड़क और अब  मुझे दूर से या आखिरी मोड है इसके बाद हम   पहुंचने वाले हैं क्या उसे सूरत में जा रहे  हैं तन हर हमारे साथ साथ चल रहा है और उसे   जगह पर तो इतना लज्जित ग्रह का नारा आता है  की लगता है की बस सब यही उतार के यही बैठ जैन   मैं कहती हूं यहां पे भी लोग रहते हैं और ये  इलाका जो के 7 महीने बाद राहत है और 5 महीने [संगीत] पूरे साल को प्लेन कर सकते हैं हर वक्त में रखते हैं तो जब अली हम पहुंच  गए बाबू सर टॉप पे और मेरी स भी हाथ दे [संगीत] रही है क्योंकि मैं हूं आपको पता है  मैं इसका मां की मुझे बचपन से ही तकलीफ है [संगीत]   इस कादर खूबसूरत है यहां पर पाकिस्तान का झंडा जिसको  मैं पकड़े हूं और यहां पर सनराइज रेस्टोरेंट में कुछ   डर बैठने के बाद यहां पर चारपाई थी बैठने के बाद  अरे ये तो आलू को कंडोम की दो कहानी है हमने भी   तीन-चार आलू के पकोड़े लिए खाए और इनको सेल भी  करवाई और बाहर आए हैं और यहां पे कुछ तस्वीर   बनाई है पाकिस्तान के इन मक्का मैड को देखकर  एहसास होता है मैं पुरी दुनिया में घूमती रहती   हूं उन्हें बहुत अच्छा बाहर रही हूं लेकिन यकीन  मानिए पाकिस्तान जैसी ब्यूटी कहानी नहीं है यह   बाबू सर टॉप जो के बाबर के नाम से मशहूर है और  कहा जाता है की बाबर ने इस रास्ते को बनाया और   जिसको बाद में फिर अंग्रेजन ने 1800 में दोबारा  से इसकी टमी की और सस्ते की लेकिन बाबर सीरियल है तो इस पॉइंट को वापस से कहा  जाता है जिसकी बुलंदी 13 [संगीत]   700 फुट की है और बहुत खूबसूरत है बर्फी  बर्फ चारों तरफ पहाड़ों पर उसकी पीठ पर   हो क्या खूबसूरत है तो यह था जब हमारा  आज हम इस ब्लॉग में समझते हैं की जिंदगी   की तमाम नजारे तो देखें रब का शुक्र भी अदा  कीजिए और अपने अगले सफर में हमारे साथ रहिए

2023-09-28 13:13

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